जो इंसान हमारे शब्दों के मूल्य नहीं समझते,
I Am Working In Entertainment Industry Since Nineteen Years, My Background Is In Journalism, Throughout My Carrier I Have Been A Critic For Cinema, Crime, Politics, Hospitality & Sports. A Feature writer, A Passionate Multitask-er Involvement With Bollywood And The Audio Visuals World Of Entertainment ,Television And Cinema, And Now A Writer And Director.
Wednesday, 13 May 2020
Tuesday, 12 May 2020
Monday, 11 May 2020
Saturday, 9 May 2020
Maa
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है
हम कुंठित हैं तो वह एक अभिलाषा है
बस यही माँ की परिभाषा है.
हम समुंदर का है तेज तो वह झरनों का निर्मल स्वर है
हम एक शूल है तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर
हम दुनिया के हैं अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है
हम पत्थर की हैं संग वह कंचन की कृनीका है
हम बकवास हैं वह भाषण हैं हम सरकार हैं वह शासन हैं
हम लव कुश है वह सीता है, हम छंद हैं वह कविता है.
हम राजा हैं वह राज है, हम मस्तक हैं वह ताज है
वही सरस्वती का उद्गम है रणचंडी और नासा है.
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है.
बस यही माँ की परिभाषा है.
Saturday, 2 May 2020
Sambhavana
मनुष्य अकेला ऐसा प्राणी है, जिसके भीतर रावण बनने की संभावना है, तो राम बनने का अवसर भी, मनुष्य के अंदर कंश बनने की संभावना है तो कृष्ण बनने का अवसर भी है... !!
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