जै जै बाबा नीब करौरी, जै जै तेरो धाम
अपरम्पार है महिमा तेरी, सुन्दर तेरो नाम
कैंचीधाम में आकर जो अपना सर झुकाते हैं
वो बाबा नीब करौरी जी का आशीष पाते हैं
जय जय जय गुरुदेव तुम्हारी, बार बार जाऊं बलिहारी
जय जय जय जय श्री भगवंता, तुम ही तो हो श्री हनुमंता
निर्गुण ब्रम्हा सगुण स्वरुप, राम कृष्ण शिवशक्ति रूप
बाल बंधू विज्ञानी रूप, हनुमत भगवत योगी रूप
जन जन पर बाबा जी अपनी कृपा लुटाते हैं
कैंची धाम में आकर जो अपना सर झुकाते हैं
संकट मोचन हे दुःख भंजन मारुती नन्दन हे महाराज
निर्विकल्प अवतारी पवनसुत निर्विकार हे त्यागराज
दैहिक दैविक भौतिक तापा, राम काज काहू नहि व्यापा
तपबल धनबल यशबल भुजबल लक्ष्मणदास तलैया बाबा
सारे भक्तो को बाबाजी सच्ची राह दिखाते हैं
कैंची धाम में आकर जो अपना सर झुकाते हैं
:- डॉ राजेश पाण्डेय
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